भारत के संविधान निर्माण में 2 साल 11 महीने और 17 दिन लगे

हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। शायद तुम्हें संविधान के निर्माण की कहानी भी पता हो, लेकिन हम आज तुम्हें संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले 26 लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके कारण ही हमारा देश गणतंत्र बन सका। आजादी मिलने से पहले ही स्वतंत्रता सेनानियों के बीच संविधान निर्माण की बात होने लगी थी। तब उन्होंने एक संविधान सभा का गठन किया। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई। संविधान सभा के कुल 389 सदस्य थे, लेकिन उस दिन 200 से कुछ अधिक सदस्य ही बैठक में उपस्थिति हुए। हालांकि 1947 में देश के विभाजन और कुछ रियासतों के संविधान सभा में हिस्सा ना लेने के कारण सभा के सदस्यों की संख्या घटकर 299 हो गयी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिये संविधान निर्माण कोई आसान काम नहीं था, तभी इसके निर्माण में 2 साल 11 महीने और 17 दिन लगे। इस दौरान 165 दिनों के कुल 11 सत्र बुलाये गये। देश की आजादी के कुछ दिन बाद 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिये डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया। 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान स्वीकार किया गया और 24 जनवरी 1950 को 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर करके इसे अपनाया। जब 26 जनवरी 1950 को हमारा सिंवधान लागू किया गया तो उसके साथ ही संविधान वनकर्मी और पुलिस सभा भंग कर दी गयी। तुम सब ये तो जान गये हो कि किस तरह हमारे संविधान का निर्माण हुआ, लेकिन अभी तक तम्हारा उन लोगों से परिचय नहीं हुआ है, जिन्होंने हमें यह संविधान दिया। । (संविधा दिवस पर विशेष-देखें पेज-2)