नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में 8 अक्टूबर को फ्रांस पहला राफेल जेट भारत को सौंपेगा। यूरोपियन मिसाइल निर्माता कंपनी एमबीडीए ने कहा कि मीटिअर और स्काल्प जैसी अत्याधुनिक मिसाइल से लैस राफेल भारत के लिए गेमचेंजर साबित होगा।
फ्रांस के साथ भारत ने 59 हजार करोड़ का रक्षा सौदा किया है। इसके तहत भारत को 36 राफेल विमान दिए जाने हैं। राजनाथ सिंह पेरिस के एयर बेस पर मंगलवार को पहला राफेल हासिल करेंगे।
विजुअल रेंज के पार लक्ष्य भेदने के लिए जानी जाती है मीटिअर
एमबीडीए के इंडिया चीफ लुइस पीडेवेक ने कहा- भारत को राफेल से ऐसी नई क्षमताएं मिलेंगी, जैसी देश ने कभी नहीं देखी थी। राफेल भारतीय वायुसेना को युद्ध में अद्वितीय क्षमता देगा। राफेल एक अद्भुत एयरक्राफ्ट है। यह अत्याधुनिक हथियारों के जखीरे से लैस है। कुछ अहम बाजारों में इसे उल्लेखनीय सफलता मिली है। हम भारत को 36 राफेल सप्लाई करने के प्रोजेक्ट का हिस्सा बनकर काफी खुश हैं। मीटियर विजुअल रेंज के पार भी अपना लक्ष्य भेदने वाली अत्याधुनिक मिसाइल है। उसे अपनी इसी खासियत के लिए दुिनया में जाना जाता है। स्काल्प डीप रेंज में लक्ष्य को भेदने वाली मिसाइल है। हवा में युद्ध क्षमता के लिहाज से भारत को ऐसी क्षमता मिलेगी, जैसी इस क्षेत्र में किसी दूसरे के पास नहीं है।
एक्टिव रडार सीकर से लैस है मीटिअर, स्काल्प लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदती है
मीटिअर एडवांस एक्टिव रडार सीकर से लैस है। यह हर तरह के मौसम में वार करने में सक्षम है। तेज रफ्तार जेट से लेकर छोटे मानव रहित विमानों के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों को भी निशाना बना सकती है। स्काल्प करीब 300 किमी. तक मार करने वाली मिसाइल है। यह पहले से तय हमलों को नाकाम करने या फिर स्थिर लक्ष्यों को भेदने में दक्ष है। स्काल्प ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स और फ्रांसीसी वायुसेना का हिस्सा है। इसे खाड़ी युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था।